छोटे भाई को बनाया चूत का भूत

Sub Ki Sex Story
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प्रेषक : अमृता …
हैल्लो दोस्तों.. में आप सभी के सामने sub ki sex storyपर अपनी एक नई कहानी लेकर आई हूँ और में उम्मीद करती हूँ कि आप सभी लड़के इस कहानी को पढ़कर मुठ ज़रूर मारेंगे और लड़कियां तो पढ़ते पढ़ते ही अपनी पेंटी में झड़ जाएँगी।

दोस्तों मेरा नाम अमृता है और मेरी उम्र 22 साल है.. दोस्तों मेरे माता, पिता हमेशा से ही चाहते थे कि उनको एक बेटा हो लेकिन में उनकी पहली औलाद थी और मुझसे छोटी मेरी बहन पायल 21 साल की है तो दोस्तों जब वो पैदा हुई.. तब भी मेरे माता, पिता की लड़के की ख्वाहिश कम नहीं हुई और फिर इसके कुछ सालों केबाद मेरा भाई रोहन पैदा हुआ.. वो हमारी फेमिली में सबसेछोटा है और हमारी फेमिली एक दूसरे से बहुत प्यार से रहती थी.. कभी किसी से नहीं लड़ता और हम सभी में सिर्फ़प्यार ही प्यार था।
फिर एक दिन मुझसे बहुत बड़ा पाप हो गया लेकिन मुझे नहीं लगता कि वो पाप था लेकिन दुनिया कीनज़रो में तो वो पाप ही था और वही पाप में आज आप सभी कोविस्तार से बताने जा रही हूँ।दोस्तों स्कूल में मेरी सभी फ्रेंड्स बहुत शैतान और बहुत बिगड़ी हुई थी। उस स्कूल का तरीका ही ऐसा था और वहाँ पर सीनियर्स और जूनियर्स सबके बॉयफ्रेंड थे लेकिन अभी तक मेरा कोई नहीं था और सब लोग एक दूसरे से दिन भर सेक्स सम्बन्धित बातें करते रहते थे और फिर मेरी भी धीरे-धीरे सबसे दोस्ती हो गयी और में भी धीरे-धीरे इसीरंग में ढलने लगी।
फिर कुछ दिनों के बाद मुझे दो लड़को ने प्रपोज़ भी किया लेकिन मैंने मना कर दिया.. क्योंकि मुझे कोई ऐसा लड़का चाहिए था.. जो मेरी परवाह करे और मुझसे सच्चा प्यार करे और ऐसा अब इस दुनिया में परिवार के अलावा और नहीं मिल सकता था तो मुझे दूसरे जोड़ो को देखकर जलन होती थी.. क्योकि मुझे भी कोई चाहिए था। मेरीकुछ फ्रेंड्स सेक्सी किताबें पढ़ती थी और उनके पास सेक्स फिल्म का बहुत सारा हर तरह का बहुत अच्छा कलेक्शनथा।
फिर में भी धीरे-धीरे सेक्स की आदि हो गयी थी.. आप सभी जानते है कि जिनके पास कोई सेक्स करने के लिए नहीं होता.. वो ही ऐसी फिल्म देखते है और बाकी लोग सेक्स करते है.. वो इस फिल्म पर अपना टाईम खराब नहीं करते। दोस्तों मुझे सेक्स बुक्स और सेक्सी फिल्म की आदत पड़ गयी और अपनी चूत में उंगली भी करने लगी और अब यार मुझे किसी भी तरह असली लंड चाहिए था लेकिन उसके साथ सच्चा प्यार भी चाहिए था और मुझे समझ में नहीं आ रहा था कि में क्या करूं?
में अब मेरे ही पापा और अपने छोटे भाई को अलग तरह से देखने लगी और मुझे लगा कि में यह कुछ ट्राई करूं लेकिन मुझे यह सब मुमकिन नहीं लगता था।
दोस्तों वैसे मेरे पापा और छोटा भाई मुझसे बहुत अच्छी तरह से रहते थे और मुझे बहुत प्यार भी करते थे और मुझे लगता था कि यह सब पापा के साथ तो बहुत मुश्किल है और नामुमकिन भी है तो मैंने सोचा कि क्यों ना अपने छोटे भाई रोहन के साथ कुछ ट्राई किया जाए और मेरे मन में बहुत घबराहट तो थी लेकिन वो सेक्स की तड़प से ज़्यादा नहीं थी और मेरे दिमाग़ में अब सेक्स ही था और कुछ नहीं था।
रात को हम तीनो साथ ही सोते थे और रोहन मुझसे छोटा था..इसलिए उसके साथ यह सब करना आसान था और मैंने तो बहुत दिनों से उसका लंड नहीं देखा था और बचपन में तो बहुत बार देखा था और अब तो वो मुझे अपनी चूत के अंदर चाहिए था। मुझे पता नहीं कि इस उम्र में उसका लंड खड़ा होता होगा या नहीं। वैसे नॉर्मली आज कल लोग इस उम्र में मुठ मारने लग जाते है.. जैसा मैंने एक कहानी में पढ़ा था औरफिर एक रात..
में : रोहन तुझे गणित में कुछ पूछना था ना.. तू आज मुझसे गणित में जो भी समस्या है तो वो सब पूछ लेना.. क्योंकि तीन दिन बाद तेरा एजाग्म है।
रोहन : लेकिन दीदी मुझे तो नींद आ रही है।
में : नहीं रोहन आज रात को दो चेप्टर्स ख़त्म करने पड़ेंगे।
रोहन : ठीक है दीदी।
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फिर मैंने उसको बहुत देर रात तक पढ़ाया और वो पढ़ते-पढ़ते मेरे बेड पर ही सो गया। उस समय गर्मी बहुत थी और उसने बनियान, बरमूडा पहना हुआ था और मैंने टी-शर्ट, केफ्री और जब सबको नींद आ गयी.. तब मैंने रोहन के लंड को देखकर अपनी चूत में उंगली करना शुरू कर दिया। फिर में कुछ देर बाद एक बार तो झड़ गयी लेकिन मुझे उसके साथकुछ करना था लेकिन मुझे डर भी बहुत लग रहा था कि कहीं कुछ ग़लत हो गया तो और अगर उसने माँ, पापा को बता दिया तो क्या होगा।
तो वो अब हर रोज़ रात को मेरे साथ बहुत देर तक पढ़ाई करता और मेरे बेड पर ही सो जाया करता था और में उसके लंड को देखकर ही अपनी चूत में ऊँगली करती थी। एक दिन रात को मैंने थोड़ी हिम्मत करके उसका एक हाथ पकड़कर उसे धीरे से मेरी पेंटी के अंदर डाल दिया और सोनेका नाटक किया और उसके कुछ ही देर बाद मैंने उसको ज़ोर ज़ोर से हिलाना शुरू किया और उसे डांटकर फटकार कर उठाया और उससे कहा कि रोहन तेरा हाथ मेरी पेंटी में क्या कर रहा था और तुझे जरा सी भी शरम नहीं आती..
में तेरी बड़ी बहन हूँ और तू मेरे साथ यह सब कर रहा था तो वो गहरी नींद में था.. इसलिए वो बहुत डरकर धीरे से उठ गया और उसने अपने हाथ को जल्दी से पेंटी से बाहर निकाल दिया।
रोहन : दीदी यह मैंने नहीं डाला.. मुझे माफ़ कर दो दीदी और अब ऐसा कभी नहीं होगा। मुझे नहीं पता यह कैसे हुआ.. प्लीज आप किसी को मत बताना.. माफ़ कर दो।
में : रोहन तू बहुत बिगड़ गया है.. में सुबह होते ही माँ, पापा को सब बता दूँगी कि तू मेरे साथ क्या कर रहा था।फिर वो मेरी यह बात सुनकर रोहन ज़ोर-ज़ोर से रोने लगा और फिर मुझे उस पर दया आ गयी तो मैंने उसे अपने गले से लगाकर चुप करवाया और मैंने उससे कहा कि ठीक है चल अब चुप हो.. में किसी को नहीं बताउंगी तो वो मेरी यह बात को सुनकर एकदम चुप हो गया और वो मुझसे बोला कि अब में आपके बेड पर कभी भी नहीं सोउंगा तो मैंने उससे कहा कि तुझे यही सोना पड़ेगा क्योंकि अगर तू नहीं सोया तो में माँ, पापा को सब कुछ बता दूँगी और फिर दूसरे दिन मैंने उससे पूरे दिन पूछा कि..
में : रोहन तू इतना बिगड़ कैसे गया और तुझे कौन बिगाड़ रहा है और तुझे यह सब कौन सिखाता है।
रोहन : दीदी मेरे दो तीन फ्रेंड्स है और वो सब बहुत गंदी गंदी बातें करते है.. शायद उनके कारण मुझसे ऐसा होगया.. सॉरी दीदी।
में : कोई बात नहीं।
रोहन : लेकिन प्लीज आप किसी को मत बताना।
में : ठीक है लेकिन मेरी एक शर्त है कि तू मुझे वो सब बताएगा.. जो तेरे फ्रेंड्स तुझे बताते है।
रोहन : दीदी वो सब बहुत गंदी गंदी बातें करते है और वो सभी बातें मुझे आपको बताने में भी शरम आ रही है।
में : तू नहीं बताएगा तो फिर तू जानता है कि में क्या कर सकती हूँ।
रोहन : ठीक है दीदी में कल से आपको सब बातें बताउगा।
दोस्तों फिर धीरे-धीरे समय गुजरता गया और हम दोनों एक दूसरे से बहुत खुलने लगे और अब रोहन मेरी हर बात मानने लगा था.. में रात को उस पर पैर रखकर सोने लगी और अपने बड़े बड़े बूब्स उसके शरीर से छूने लगी और में जानबूझ कर कभी कभी पेंटी, ब्रा भी नहीं पहनती थी। एक दिन जब रात को में चूत में ऊँगली कर रही थी तो रोहन जाग गया.. मेरीआखें बंद थी और वो मुझे देखकर बोला कि दीदी यह क्या कर रही हो।में : रोहन मुझे बहुत डर लग रहा है प्लीज़ तू मुझे एक बार हग करना और उस समय ऊँगली करते करते में झड़ने वाली थी..
इसलिए मेरी स्पीड भी अपने आप बड़ चुकी थी।रोहन : क्या हुआ.. ठीक है में करता हूँ।फिर मैंने भी उसको हग किया और में भूल गई थी कि मैंने पेंटी नहीं पहनी है.. में उस पर ही झड़ गयी और मैंने उसको मदहोशी में अपने दोनों पैरों के बीच में दबा लिया था और मेरी चूत का सारा पानी उसकी अंडरवियर पर निकल गया।रोहन : दीदी आप पागल हो क्या? आपने यह क्या किया।में : चुपचाप रह.. सब सो रहे है और थोड़ा धीरे बोल वरना कोई उठ जाएगा।
रोहन : दीदी लेकिन यह सब ग़लत है।
में : क्यों तूने जो उस दिन किया था.. क्या वो सही था?
रोहन : दीदी में उस दिन नींद में था लेकिन आप तो जाग रही थी।
में : क्या तुझे मेरे बूब्स देखने है।
रोहन : दीदी आप पागल हो क्या.. आप मेरी बहन हो।
में : लगता है तेरी शिकायत माँ, पाप से करनी पड़ेगी।
रोहन : यार दीदी आप तो मुझे बहुत ब्लेकमेल कर रही हो
फिर मैंने उसके पास आकर उसके हाथ अपने बूब्स पर लगवा दिए। उसको पहले बहुत अजीब सा लगा लेकिन फिर उसने बोला कि दीदी अंधेरा बहुत है और मुझे यह देखना है कि यह कैसेहोते है.. क्योंकि मैंने कभी नहीं देखे तो मैंने बोला कि तू चिंता मत कर में तुझे सुबह दिखा दूँगी।
अभी तू इनको ज़ोर से दबा और उसने वैसा ही किया और मुझे बहुत मज़ा आ रहा था.. वो मेरे बूब्स को ज़ोर-ज़ोर से दबा रहा था और में अपनी चूत में उंगली करके झड़ गई। दोस्तों उस दिन मैंने और कुछ नहीं किया और फिर उसके अगले दिन रोहन मेरे पास आया और मुझसे बोला कि दीदी प्लीज मुझे आपके बूब्स दिखा दो तो मैंने कहा कि तू थोड़ा इंतजार कर.. जिसदिन जब हम दोनों घर पर अकेले होंगे.. तब में तुझे सब कुछ दिखा दूँगी।
फिर रात को वो खुद मेरी टी-शर्ट में हाथ डालकर मेरे बूब्स को एक एक करके जोश में आकर दबाने,मसलने लगा तो मैंने उससे पूछा कि क्या तू इनको टेस्ट करेगा.. उसने साफ मना कर दिया तो मैंने अपनी टी-शर्ट उतार दी और फिर मैंने खुद ही उसको बारी बारी से अपने बूब्स चूसाने शुरू कर दिए और वो बहुत अच्छी तरह से चूस रहा था और मुझे ऐसा लग रहा था कि उसको बूब्स बहुत अच्छेसे चूसने आते है और अब उसको भी बड़ा मज़ा आया।
फिर मैंने सोचा कि आज बहुत अच्छा मौका है और मैंने उससेबोला कि रोहन तू अपनी पेंट उतार दे लेकिन उसने मना कियातो मैंने ज़बरदस्ती करके उसकी पेंट उतार दी और उसकी अंडरवियर के ऊपर से ही उसके लंड को हाथ लगाकर महसूस किया तो उसका 4 इंच का लंड खड़ा हुआ था और उसको मुझसे बहुत शरम आ रही थी लेकिन&nbsp; जोश भी चढ़ चुका था।
फिर मैंने कुछ देर बाद सही मौका देखकर उसकी अंडरवियर को भी उतार दिया और में भी पूरी नंगी हो गयी और हम दोनों एक ही चादर के अंदर घुस गये तो वो बहुत सोच रहा था कि अब वो क्या करे। फिर मैंने उसके लंड को अपने एक हाथ से छुआऔर महसूस किया.. दोस्तों वो क्या अहसास था और मुझे बड़ामज़ा आ रहा था और अब धीरे-धीरे उसको भी मज़ा आने लगा थातो में अब उसके लंड को ज़ोर ज़ोर से हिलाने लगी थी लेकिन मैंने उसका 3-4 मिनट तक ही हिलाया और वो मेरे हाथ परही झड़ गया और उसको शरम आ गयी।
फिर मैंने उसका सारा वीर्य अपने हाथ पर से और उसके लंड से चाट लिया और उसे बहुत अच्छे से साफ कर दिया तो वो बोला कि छी दीदी.. यह तो मेरे लंड से निकला है तो मैंने उसकी इतनी प्यारी बातऔर बहुत खुश होकर उसको किस किया.. में इतनी खुश थी कि में क्या बताऊँ।
मैंने अपनी पूरी जीभ उसके मुहं में घुसा दी और उसकी भी जीभ को बहुत जमकर चूसा तो उसका लंड इतनी जोश भरी किस के कारण फिर से तनकर खड़ा हो गया था और मेरी चूत को सलामी देने लगा लेकिन इस बार मैंने उससेकहा कि मैंने तेरा वीर्य चाटा है और अब तू तेरी जीभ से मेरी चूत चाटेगा तो उसने साफ मना किया और में उसके मुहंको जबरदस्ती अपनी जांघो से दबाकर उसके मुहं को चूत पर धक्के मारने लगी और वो भी मेरी चूत में अपनी पूरी जीभ को डालकर अंदर बाहर करके चूसने लगा लेकिन में इतनी ज़्यादा जोश में थी कि बहुत जल्दी ही रोहन के मुहं में झड़ गयी और वो मेरा पूरा रस चूस गया और उसने कहा कि दीदी आपके पानी का स्वाद बहुत अच्छा लगा लेकिन थोड़ा थोड़ा नमकीन सा लगा।
फिर मैंने कहा कि रुक में तुझे अभी और भी पिलाती हूँ.. अभी मुझे भी प्यास लगी है और मैंने उसका लंड मुहं में लिया और चूसना स्टार्ट किया और 69पोज़िशन में लेट गए। मैंने उसका मुहं अपनी चूत से लगाकरज़ोर से दबा लिया। मुझे 69 पोज़िशन में बहुत मज़ा आयाऔर कुछ देर के बाद हम दोनों एक दूसरे के मुहं में झड़ गए। हमने फिर से एक बहुत लंबा किस किया और कपड़े पहनकर सो गये..
में रात को उसकी अंडरवीयर में अपना एक हाथ डालकर सोई थी और में रात भर उसकी गांड की मालिश और लंड की गर्माहट लेती रही लेकिन वो तो थककर गहरी नींद में सोया था। फिर उसके अगले दिन पापा के ऑफिस जाते ही मम्मीभी किसी काम से बाज़ार चली गयी और पायल स्कूल चली गई लेकिन रोहन को मैंने रोक लिया और वो भी मान गया और समझ गया कि मैंने उसे क्यों रोका है।
में : रोहन आज घर पर कोई नहीं हम दोनों अकेले है। आज तुझे जो करना है वो कर.. में मना नहीं करूँगी।
फिर वो मेरे पास आया और मेरे बूब्स को कपड़ो के ऊपर से ही अपने दोनों हाथों से महसूस करने लगा और फिर उसने मेरी टी-शर्ट को उतार दिया। मैंने टी-शर्ट के अंदर कुछनहीं पहना था और जैसे ही उसने टी-शर्ट को खोला तो मेरे दोनों बूब्स उसकी नजरों के सामने थे और मेरे बूब्स को छूकर उसका लंड खड़ा हो गया। फिर वो बूब्स को बहुत देर तक घूरकर देखता रहा और वो बहुत खुश था.. फिर उसने अपने मुहं को आगे बड़ाकर बूब्स को किसी छोटे बच्चे की तरह चूसना स्टार्ट कर दिया तो मैंने बोला कि तू मेरे सामने पूरा नंगा हो जा लेकिन उसको शरम आ रही थी.. मैंने बोला कि जल्दी हो जा… नहीं तो कोई आ जाएगा।
फिर वो जल्दी से पूरा नंगा हो गया लेकिन उसने अपने दोनों हाथों से अपना लंड छुपाया हुआ था और फिर मैंने भीअपने सारे कपड़े उतार दिए और वो मेरी चूत को एक टक नजर से देखने लगा और उसका खड़ा लंड देखकर मुझसे रुका नहीं गया और मैंने थोड़ा नीचे झुककर उसका तना हुआ लंड पूरा मुहं में लिया और लोलीपोप की तरह चूसा लेकिन वो दो तीन मिनट में ही झड़ गया। फिर मैंने भी उससे अपनी चूत चटवाई..
उसने चूत चाटते हुए कहा कि कल तो आपकी चूत पर बहुत सारे बाल थे लेकिन आज वो सब कहाँ गये तो मैंने कहाकि आज मेरे भाई को दिखाने के लिए मैंने वो सब साफ कर दिए और फिर उसने बहुत अच्छे से मेरी कामुक चूत को चाटा।फिर मैंने उसको अपनी चूत का छेद दिखाया और बोला कि अब तेरा लंड इसमे जाएगा लेकिन उसको कुछ भी समझ में नहीं आया और उससे मैंने बोला कि तू थोड़ा रुक जा.. अभी सब समझमें आ जाएगा।फिर में उसके बदन को मेरे बदन से सटाकर उसे चूमने लगी। वो भी जोश में था.. इसलिए बहुत ज़्यादा गरम था और उसका लंड फिर से खड़ा हो गया तो मैंने रोहन को बेड पर लेटा दिया और उसके पूरे शरीर को चूमते हुए उसके लंड को किस किया.. उसके लंड से थोड़ा वीर्य निकल रहा था..
मैंने उसको चाटा तो उसका बड़ा नमकीन सा स्वाद था। फिर मैंने उसके लंड पर अपनी चूत का छेद रखा और में एकदम सीधी लेट गई तो उसे और मुझे दोनों को थोड़ा थोड़ा दर्द हुआ और उसकालंड बार बार फिसल रहा था तो मैंने उसको बोला कि तू भी अब नीचे से धक्का मारना और उसने वैसा ही किया और फिर मेरी चूत में उसका लंड घुस गया तो उसने बोला कि दीदी आपकी चूत अंदर से बहुत गरम है लेकिन मुझे कुछ समझ में नहीं आ रहा था और मैंने जोश में बहुत ज़ोर ज़ोर से अपनी चूत को धक्के मारे और उसने भी अपनी तरफ से धक्के मारे और कुछ देर बाद हम दोनों ही एक एक करके झड़ गये और उसकोबहुत मज़ा आ रहा था.. क्योंकि यह पहला सेक्स था और मेरेबिना यह सब कैसे होता..
लेकिन अब वो मेरे कंट्रोल के बाहर था और अब में रोज़ सुबह उसको अपने बूब्स चूसने देती हूँ। मैंने उसको अपनी चूत का भूत बनाया हुआ है और वो भी सेक्स के बारे में बहुत कुछ सीख चुका है और अब में उसकी दीवानी हो चुकी हूँ। वो मुझे बहुत अच्छा लगता है और में भी उसकी बहुत परवाह करती हूँ और वो रोज़ रात को मेरे बूब्स को चूसते चूसते सो जाता है और उसको भी मेरी चूत का पानी पिए बिना नींद नहीं आती और मुझे भी उसका वीर्य पीने की आदत लग चुकी है ।।
धन्यवाद …
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